Kachra Vahatuk Shramik Sangh, Mumbai
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Welcome to Kachra Vahatuk Shramik Sangh

" Organizing Unorganized in Maharashtra"

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work without any safety equipments

Kachra Vahutuk Shramik Sangh (KVSS)  was started in 1996. It  works on the labour issues like persecution and harassment of labours, non- payment of minimum wages, denial of compensation, arrears and pension, equal wages, etc. The organization use different tools and techniques to bring together unorganized worker on a common platform.

Meet people whom we work for ....

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In India, 92 percent of total employment is informal in nature and a large percentage of those in the informal economy are the poor. In January 2005, the total employment in the Indian economy was 458 million of which the unorganized sector accounted for 395 million. KVSS is committed to work for the people working in this unorganized sector specially labours in Solid Waste Management. These are the people who clean the city and provide a clean, healthy surroundings for residents but they never get care more over treated badly by these same residents and officials also. 

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को एक सफाई कामगार की गुहार

प्रिय प्रधामंत्री जी,
सबसे पहले मैं आपको प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देना चाहता हूँ। आपका हमारी तरह एक गरीब घर से ताल्लुक रखने के कारण आपकी जीत ने हमारे अंदर न्याय पाने की एक उम्मीद जगाई है।
मेरा नाम दादाराव बाबुराव पाटेकर है तथा मैं मुंबई के चेम्बूर में एक झोपड़पट्टी में रहता हूँ। मैं १९९७ से बृहन्मुंबई महानगर पालिका (जो कि हमारे देश की सबसे अमीर महानगर पालिका है) में एक सफाई कामगार के तोैर पर काम करता हूँ। मैं दलित हूँ। मेरे पूर्वज इसी काम से सम्बन्ध रखते थे। मैंने महानगर पालिका में ४० रुपए से शुरुआत की तथा १७ सालो की मेहनत के बाद भी मेरी पगार ३२९ रुपए है। हमें काम पर किसी तरह का सेफ्टी इक्विपमेंट नहीं मिलता। इसके साथसाथ हमें चिकित्सा, भविष्य निर्वाह निधि से भी वंचित रखा जाता है। हमारा काम कचरे से सम्बंधित होने के कारण हमें अक्सर बिमारियों से जूझना पड़ता है। परन्तु हमें महानगर पालिका से किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं मिलती, हमें बीमार होने की स्तिथी में एक भी छुट्टी नहीं मिलती। मेरे बच्ची पहली कक्षा में है। मैं उसे पढ़ाना चाहता हूँ परन्तु मेरी पगार से घर का खर्च चलना भी मुश्किल है। इससे मेरी बच्ची का भविष्य खतरे में लटका हुआ है। साफ़ सफाई का काम एक अत्यावश्यक तथा रोजाना चलने वाला काम है। जिसकी वजह से साफ़ सफाई के काम पर कॉन्ट्रैक्ट कामगारों को रखना एक गैर कानूनी काम है। महानगर पालिका कानून की धज्जिया उड़ाने में जरा भी नहीं हिचकिचाती जिसकी वजह से हजारो दलितों के घर उज्जड जाते है।
हमारे बाकि सफाई कर्मचारी का भी ये ही या इससे भी बुरा हाल है। मुंबई महानगर पालिका में आज भी कामगार किमान वेतन से कम में काम कर रहे है। यहाँ पर सफाई मज़दूरों की हालत बहुत ही दयनीय है। इसलिए मैं आपसे कॉन्ट्रैक्ट माध्यम को सफाई के काम में बंद करने की गुहार करता हूँ। ताकि दलित समाज पर वर्षो से होते आ रहे जुल्म तथा अत्याचार के कहर को  रोका जा सके जिससे दलित भी समाज में बाकि लोगों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चल सके।

न्याय की उम्मीद रखते हुए देश का एक मूक सेवक

धन्यवाद
दादाराव बाबुराव पाटेकर 

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